अमेठी पुलिस की संयुक्त हिरासत में व्यवसायी की मौत के मामले की जांच नौ दिन बाद भी शुरू नहीं हो सकी है। पुलिस की ओर से जांच शुरू करने के दावे पर यह खुलासा व्यवसायी के छोटे पुत्र ने किया है।
पुत्र के अनुसार पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज होने के बाद घटना की विवेचना पाने वाली संग्रामपुर पुलिस न तो अब तक बयान लेने उसके घर आई न ही इसके लिए उसे बुलाया ही गया।
बरबंडा थाना अंतू जिला प्रतापगढ़ निवासी व्यवसायी सत्य प्रकाश शुक्ल की पिछले 29 अक्तूबर को अमेठी जिले की पीपरपुर पुलिस व स्वाट टीम की संयुक्त हिरासत में मौत हुई थी।
व्यवसायी की मौत के बाद उसके छोटे भाई ओम प्रकाश की तहरीर पर पीपरपुर पुलिस व स्वाट टीम के 15 पुलिस कर्मियों के खिलाफ सुल्तानपुर कोतवाली नगर में हत्या का केस दर्ज हुआ था।
हत्या का यह केस दर्ज होने के बाद मामले को विवेचना के लिए पहले पीपरपुर और सवाल उठने के बाद संग्रामपुर पुलिस को दी गई। आला अधिकारियों का कहना था कि पुलिस जल्द ही आरोपों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। पुलिस ने जांच शुरू करने का दावा भी किया।
हालांकि बुधवार को व्यवसायी के छोटे पुत्र साहिल ने जांच शुरू करने के पुलिस के दावे को गलत बताया। साहिल ने कहा कि घटना के बाद से अब तक संग्रामपुर पुलिस न तो उसका बयान लेने के लिए उसके घर आई न ही इसके लिए उसे थाने या सीओ दफ्तर में बुलाया गया।
संग्रामपुर के प्रभारी निरीक्षक विश्वनाथ यादव ने बताया कि व्यवसायी के भाई की ओर से पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज कराए गए हत्या के मामले की जांच शुरू हो गई है। जल्द ही व्यवसायी के परिवारीजनों का भी बयान लिया जाएगा।